Saturday, 16 June 2012

मेरी पहचान मेरे पिता


        मेरी पहचान मेरे पिता
जिसकी उँगली पकड़ के चलना  सीखा ,
हर पल  को खामोशी के  साथ जीया ,
उन के होने से कोई चिन्ता नहीं रह्ती ,
जिनके  आदर्शो  पर चलना सिखा ,
मुझे उनका  बेटा  होने  पर गर्व है 
 मेरी पहचान है मेरे पिता ,
 आई  लव  माय  डैड 
                                                              
                                                                                                                                           pawan jef
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पिता

                                                   
                  पिता 

हमारे जीवन  की अमृत धारा है पिता,
कुरान और रामायण से पवित्र रिश्ता है पिता ,
हर घर परिवार का आधार  है पिता ,
हमारी पहली पहचान है पिता ,






                                                                                                                         pawan jef

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Tuesday, 22 May 2012

जल संकट - महा संकट





            जल संकट - महासंकट 

जेसे  जेसे आबादी बढती जा रही है,उसी तरह हमें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है ! जिस तेज गति से जल संकट उभर कर सामने आ रहा है ! इस समय भारत देश ही नहीं समूचा विश्व चिंतित  है ! नित नई तकनीको के द्वारा जल दोहन  किया जा रहा है ,जिसके  कारण बहुत  ही तेजी से  भूमिगत  जल और गहरा होता जा रहा है ! पहले कुओं से  


किसान  सिचाई करता था,तो जितनी मात्रा में जल चाहिए उतना उपयोग  में  लेता  था ! नदियों में भी जल की प्रचुर मात्रा होती थी और बरसात के समय तो  जल का  प्रचुर भंडार विद्यामान  होता था,नदियों  पर भी जगह जगह  एनिकट बना दिए गए ये भी एक कारण है जल संकट का, क्यों  की  बरसात  में नदियों  का पानी बहता  रहता था जेसे की कारण भूमिगत जल  भंडार रिचार्ज होते रहते थे,परन्तु  जगह  जगह एनिकट बना  दिए गए ! आधुनिकता  व अधिक  लाभ के  लिए बोरिगो द्वारा  जल का दोहन किया जा रहा है, आने वाले समय में  जल  के भंडार  बहुत ही तेज गति से विलुप्त  होते जा  रहे है,कई नदिया तो लुप्त होती जा रही है ! गर्मी  आते आते तो जल संकट बहुत ही भयानक रूप धारण कर लेता है ,पानी के लिए  लड़ाई-झगडे होते रहते है ! जब तक जल दोहन के स्रोतों  को  प्रतिबंधित नहीं किया जाता, तब तक  हमे  ऐसे ही इस संकट के गुजरना  पड़ेगा! हर आम आदमी को अपनी सोच को मजबूत करना पड़ेगा क्यों की ये समस्या किसी एक की नहीं हम सब की है,कानून से  ही नहीं आपसी  सोच से  भी  हमें   इस समस्या से  हमारे  कल  को भी  बचाना है !  वाटर हार्वेस्टिंग  से जल सरक्षण होता है पर वाटर हार्वेस्टिंग से जितना  जल हम बचाते है, उससे  कही  ज्यादा तो फक्ट्रियो  व अन्य मशीनों  द्वारा  इस का दोहन किया जा रहा है ! जगह जगह  बहु मंजिला  इमारतों  का निर्माण किया जरह है ,जिस के  लिए  पेड़ो को कटा जाता है ,जिसकी वजह से बरसात और  पर्यावरण दोनों में ही बदलाव  होता जा रहा है ! कही बरसात  तो कभी आंधी  रेगिस्थान  में बाड़ कही  ओले  गिरते है , अगर  आज  नहीं चेते तो  आने वाला  समय में  हम कुछ  भी  नहीं  कर  पायेगे , हमारी  आने वाली नसल  हमको  कोसेगी  लाखो लोग  जल के बिना  बेमोत  मारे  जायेगे पानी  का संकट  न  अमीर  का  है  ना  गरीब  का  हम ही  नहीं  पीड़ियो को  इस  के  परिणाम  भुगतने  पड़ेगे ! आज  सोचने का  समय  नहीं  बचा  करना  पड़ेगा  हम सब को  कारगर  उपाय , सार्थक कदम  सोचो मत कोंन करेगा पहल खुद को  करो बुलंद लोग खुद ब खुद  साथ चल पड़ेगे !हमारी गलतियों की सजा पक्षियों ,जल में रहने वाली कई प्रजातिया को भुगतनी पड़ रही है कई प्रजातिया तो विलुप्ति की कगार पर है!

            " बावड़ी  कुए  की पाल , संभल जा भाया सोतो  रहियो तो  ना आव्गो काल"



                                                                                                              pawan jef
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Monday, 21 May 2012

Boss

                       बॉस

अपनी रोजाना की जिंदगी को थोड़ा अधिक सुखद और सह्यï बनाने का एक ही तरीका है, वह यह कि वे अपने बॉस की  मिटटी  पलीद करके रख दें। नौकरी छोडऩा कोई विकल्प नहीं है,लेकिन फिर भी दुनिया भर में सेवा क्षेत्र में काम करने वाले यानी ऑफिस जाने वाले अधिकांश लोग फिर भी उस प्रोमो से जरूर सहानुभूति रखेंगे जो कहता है, 'आपका क्या कर सकते हैं अगर आपका बॉस पूरी तरह साइको, नरभक्षी या फिर यांत्रिक हो?किसी कंपनी से लोगों के काम छोड़ कर जाने का सबसे बड़ा कारण उनका बॉस ही होता है।  हकीकत यह है कि कॉरपोरेट भारत के लिए यह सही समय है कि वह ऐसे बुरे बॉस से निजात पाए जो अपने कर्मचारियों से ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे कि उनका कोई अस्तित्व ही न हो।बॉस के पास भी उसे हटाने का पूरा अधिकार था लेकिन इस तरह चतुराई भरी चाल चलके बॉस ने समूची टीम का विश्वास खो दिया।ऐसे बॉस भी होते हैं जो कभी अपने कर्मचारियों के समर्थन में आगे नहीं आते।लोग बॉस को कितना नापसंद करते हैं इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वे उसके चैंबर के आसपास से गुजरने में किस कदर बचते हैं। कर्मचारी कॉफी मशीन या बाथरूम तक पहुंचने के लिए समूचे कार्यालय का चक्कर लगा लेते हैं लेकिन बॉस के चैंबर से नजदीक नहीं फटकते की कहीं उन्हें अंदर न बुला लिया जाए। क्या आपके साथ भी ऐसा हो रहा है।

                                                                                              pawan jef
                                                                                           pawanjef.hpage.com 

Thursday, 17 May 2012

सजदे पे

                                       सजदे  पे

हर  कदम  सजदे  पे  सर  झुका  दिया  करते  है ,
जिस  रस्ते  तू  आये  फूल  बिछा दिया  करते  है !!
                              हर  पल  तुझे  देखा  करते  है ,
                       तन्हाईयो  में  तुझे  सोचा  करते  है !!
ख्वाबो में  तुझे तरासा करते  है ,
मिलने  की  तमन्ना  रखते है !!
            हर  कदम  सजदे  पे  सर  झुका  दिया  करते  है ,
            जिस  रस्ते  तू  आये  फूल  बिछा दिया  करते  है !!

हमदर्द नहीं

             हमदर्द  नहीं
 
राह  तो है  बहुत ,मंजिले  नही ,
किस्ती  मिली  है  पर , साहिल  नहीं !
पराये  है  सभी , कोई  अपना  नहीं ,
दिल  है  बहुत , उनमे  प्यार  नहीं !
आंखे  है  बहुत , पर सपने  नहीं ,
बेदर्द  है  सभी , कोई  हमदर्द  नहीं !

Wednesday, 16 May 2012

नदी के किनारे



                  नदी  के  किनारे

नदी  के  किनारे अक्सर छूट  जाते  है ,
अम्बर  इतना  रोता  है की सितारे  डूब  जाते है !!
पड़ा  जो  वक्त  तो प्यार  ने साथ  छोड़  दिया ,
हर  कदम  पे  अपनों  ने  साथ  छोड़  दिया  !!
जिन्दगी  में होता   है  कुछ  अक्सर  यू  ,
जिन्हें  हम  चाहते  है , वो  हमसे  बिछुड़  जाते  है  !!

नकाब  रहा  तो  हमारी  निगाहे  उठना  सकी ,
नज़र  उठी  तो नजरो  ने साथ  छोड़  दिया  !!