Tuesday, 15 May 2012

कन्या भूर्ण हत्या



                                                                कन्या भूर्ण हत्या

 
कन्या भूर्ण हत्या पर भी बहुत हो हला हो  रहा है  क्या पहले नहीं होती थी इस की खबर न जाने 

कितने सर्वे हुए होगे हर सरकार को पता होती है किस जगहकमी  है और कोन जिमेदार है और 

कोई कहता है डॉक्टर जिमेदार है कोई कहता माँ बाप जिम्मेदार है कोई कहता है सरकारजिम्मेदार 

है समाज को जागरूक करना है तो कानून बनाने टीवी प्रोग्राम बनाने से काम नहीं चलेगा 

समाज को एक एक विषय पर समझाना होगा कन्या भूर्ण हत्या क्यों हो रही है इसका कारण क्या 

है,समाज के जिम्मेदार लोग खुद सोचे तो पता चलेगा की इस का  नुकसान किस को होगा और 
होरहा है सर्वे बताते है की 1000 पुरुष पर 921 कन्याए है सल्तुलन बिगड़ गया है एसा  इस लिए हो रहा है की समाज में पैसा सब के पास होगया  है सब दिखावा ,दहेज़ की  समाज में आज कल एक परम्परा चल पड़ी है दिखावे बिना कोई पहचान नहीं पेसे के पीछे दुनिया भागती है कन्या होगीतो देना पड़ेगा लड़का होगा तो पैसा आयेगा  अमीर और अमीर और गरीब और गरीब होता जा रहा है ,इतना पैसा किसी योजना में लगाये तो समाज में आज कल  ही नहीं बरसो पुरानी बुराईया को  हम एक मिनिट में हल नहीं कर सकते पर शुरुवात तो कर सकते है  सोचो, समझो और करो  शुरुवात एक आम आदमी से होगी तो  उसका असर ज्यादा होगा और कारगर भी होगी कितनी ही बुराईया है हमारे समाज में  जिनका अंत हम खुद को ही करना है
परन्तु जिस जगह जरुरत है वहा पैसा लगता नहीं सो रुपये की जगह एक रुपया मिल रहा है  खुद समाज सुधारक ही योजनाओ में पैसा बाट लेते है हम किसी एक  श्रेणी या समुदाय की बात नहीं कर रहे  क्यों की बुराई हम सब में है हम किसी एक को दोषी नहीं मान सकते दोषी हम सब है

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