बॉस
अपनी रोजाना की जिंदगी को थोड़ा अधिक सुखद और सह्यï बनाने का एक ही तरीका है, वह यह कि वे अपने बॉस की
मिटटी पलीद करके रख दें। नौकरी छोडऩा कोई विकल्प नहीं है,लेकिन फिर भी दुनिया भर में सेवा क्षेत्र में काम करने वाले यानी ऑफिस जाने वाले अधिकांश लोग फिर भी उस प्रोमो से जरूर सहानुभूति रखेंगे जो कहता है, 'आपका क्या कर सकते हैं अगर आपका बॉस पूरी तरह साइको, नरभक्षी या फिर यांत्रिक हो?किसी कंपनी से लोगों के काम छोड़ कर जाने का सबसे बड़ा कारण उनका बॉस ही होता है। हकीकत यह है कि कॉरपोरेट भारत के लिए यह सही समय है कि वह ऐसे बुरे बॉस से निजात पाए जो अपने कर्मचारियों से ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे कि उनका कोई अस्तित्व ही न हो।बॉस के पास भी उसे हटाने का पूरा अधिकार था लेकिन इस तरह चतुराई भरी चाल चलके बॉस ने समूची टीम का विश्वास खो दिया।ऐसे बॉस भी होते हैं जो कभी अपने कर्मचारियों के समर्थन में आगे नहीं आते।लोग बॉस को कितना नापसंद करते हैं इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वे उसके चैंबर के आसपास से गुजरने में किस कदर बचते हैं। कर्मचारी कॉफी मशीन या बाथरूम तक पहुंचने के लिए समूचे कार्यालय का चक्कर लगा लेते हैं लेकिन बॉस के चैंबर से नजदीक नहीं फटकते की कहीं उन्हें अंदर न बुला लिया जाए। क्या आपके साथ भी ऐसा हो रहा है।
pawan jef
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