Tuesday, 22 May 2012

जल संकट - महा संकट





            जल संकट - महासंकट 

जेसे  जेसे आबादी बढती जा रही है,उसी तरह हमें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है ! जिस तेज गति से जल संकट उभर कर सामने आ रहा है ! इस समय भारत देश ही नहीं समूचा विश्व चिंतित  है ! नित नई तकनीको के द्वारा जल दोहन  किया जा रहा है ,जिसके  कारण बहुत  ही तेजी से  भूमिगत  जल और गहरा होता जा रहा है ! पहले कुओं से  


किसान  सिचाई करता था,तो जितनी मात्रा में जल चाहिए उतना उपयोग  में  लेता  था ! नदियों में भी जल की प्रचुर मात्रा होती थी और बरसात के समय तो  जल का  प्रचुर भंडार विद्यामान  होता था,नदियों  पर भी जगह जगह  एनिकट बना दिए गए ये भी एक कारण है जल संकट का, क्यों  की  बरसात  में नदियों  का पानी बहता  रहता था जेसे की कारण भूमिगत जल  भंडार रिचार्ज होते रहते थे,परन्तु  जगह  जगह एनिकट बना  दिए गए ! आधुनिकता  व अधिक  लाभ के  लिए बोरिगो द्वारा  जल का दोहन किया जा रहा है, आने वाले समय में  जल  के भंडार  बहुत ही तेज गति से विलुप्त  होते जा  रहे है,कई नदिया तो लुप्त होती जा रही है ! गर्मी  आते आते तो जल संकट बहुत ही भयानक रूप धारण कर लेता है ,पानी के लिए  लड़ाई-झगडे होते रहते है ! जब तक जल दोहन के स्रोतों  को  प्रतिबंधित नहीं किया जाता, तब तक  हमे  ऐसे ही इस संकट के गुजरना  पड़ेगा! हर आम आदमी को अपनी सोच को मजबूत करना पड़ेगा क्यों की ये समस्या किसी एक की नहीं हम सब की है,कानून से  ही नहीं आपसी  सोच से  भी  हमें   इस समस्या से  हमारे  कल  को भी  बचाना है !  वाटर हार्वेस्टिंग  से जल सरक्षण होता है पर वाटर हार्वेस्टिंग से जितना  जल हम बचाते है, उससे  कही  ज्यादा तो फक्ट्रियो  व अन्य मशीनों  द्वारा  इस का दोहन किया जा रहा है ! जगह जगह  बहु मंजिला  इमारतों  का निर्माण किया जरह है ,जिस के  लिए  पेड़ो को कटा जाता है ,जिसकी वजह से बरसात और  पर्यावरण दोनों में ही बदलाव  होता जा रहा है ! कही बरसात  तो कभी आंधी  रेगिस्थान  में बाड़ कही  ओले  गिरते है , अगर  आज  नहीं चेते तो  आने वाला  समय में  हम कुछ  भी  नहीं  कर  पायेगे , हमारी  आने वाली नसल  हमको  कोसेगी  लाखो लोग  जल के बिना  बेमोत  मारे  जायेगे पानी  का संकट  न  अमीर  का  है  ना  गरीब  का  हम ही  नहीं  पीड़ियो को  इस  के  परिणाम  भुगतने  पड़ेगे ! आज  सोचने का  समय  नहीं  बचा  करना  पड़ेगा  हम सब को  कारगर  उपाय , सार्थक कदम  सोचो मत कोंन करेगा पहल खुद को  करो बुलंद लोग खुद ब खुद  साथ चल पड़ेगे !हमारी गलतियों की सजा पक्षियों ,जल में रहने वाली कई प्रजातिया को भुगतनी पड़ रही है कई प्रजातिया तो विलुप्ति की कगार पर है!

            " बावड़ी  कुए  की पाल , संभल जा भाया सोतो  रहियो तो  ना आव्गो काल"



                                                                                                              pawan jef
                                                                                                     pawanjef.hpage.com                  











Monday, 21 May 2012

Boss

                       बॉस

अपनी रोजाना की जिंदगी को थोड़ा अधिक सुखद और सह्यï बनाने का एक ही तरीका है, वह यह कि वे अपने बॉस की  मिटटी  पलीद करके रख दें। नौकरी छोडऩा कोई विकल्प नहीं है,लेकिन फिर भी दुनिया भर में सेवा क्षेत्र में काम करने वाले यानी ऑफिस जाने वाले अधिकांश लोग फिर भी उस प्रोमो से जरूर सहानुभूति रखेंगे जो कहता है, 'आपका क्या कर सकते हैं अगर आपका बॉस पूरी तरह साइको, नरभक्षी या फिर यांत्रिक हो?किसी कंपनी से लोगों के काम छोड़ कर जाने का सबसे बड़ा कारण उनका बॉस ही होता है।  हकीकत यह है कि कॉरपोरेट भारत के लिए यह सही समय है कि वह ऐसे बुरे बॉस से निजात पाए जो अपने कर्मचारियों से ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे कि उनका कोई अस्तित्व ही न हो।बॉस के पास भी उसे हटाने का पूरा अधिकार था लेकिन इस तरह चतुराई भरी चाल चलके बॉस ने समूची टीम का विश्वास खो दिया।ऐसे बॉस भी होते हैं जो कभी अपने कर्मचारियों के समर्थन में आगे नहीं आते।लोग बॉस को कितना नापसंद करते हैं इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वे उसके चैंबर के आसपास से गुजरने में किस कदर बचते हैं। कर्मचारी कॉफी मशीन या बाथरूम तक पहुंचने के लिए समूचे कार्यालय का चक्कर लगा लेते हैं लेकिन बॉस के चैंबर से नजदीक नहीं फटकते की कहीं उन्हें अंदर न बुला लिया जाए। क्या आपके साथ भी ऐसा हो रहा है।

                                                                                              pawan jef
                                                                                           pawanjef.hpage.com 

Thursday, 17 May 2012

सजदे पे

                                       सजदे  पे

हर  कदम  सजदे  पे  सर  झुका  दिया  करते  है ,
जिस  रस्ते  तू  आये  फूल  बिछा दिया  करते  है !!
                              हर  पल  तुझे  देखा  करते  है ,
                       तन्हाईयो  में  तुझे  सोचा  करते  है !!
ख्वाबो में  तुझे तरासा करते  है ,
मिलने  की  तमन्ना  रखते है !!
            हर  कदम  सजदे  पे  सर  झुका  दिया  करते  है ,
            जिस  रस्ते  तू  आये  फूल  बिछा दिया  करते  है !!

हमदर्द नहीं

             हमदर्द  नहीं
 
राह  तो है  बहुत ,मंजिले  नही ,
किस्ती  मिली  है  पर , साहिल  नहीं !
पराये  है  सभी , कोई  अपना  नहीं ,
दिल  है  बहुत , उनमे  प्यार  नहीं !
आंखे  है  बहुत , पर सपने  नहीं ,
बेदर्द  है  सभी , कोई  हमदर्द  नहीं !

Wednesday, 16 May 2012

नदी के किनारे



                  नदी  के  किनारे

नदी  के  किनारे अक्सर छूट  जाते  है ,
अम्बर  इतना  रोता  है की सितारे  डूब  जाते है !!
पड़ा  जो  वक्त  तो प्यार  ने साथ  छोड़  दिया ,
हर  कदम  पे  अपनों  ने  साथ  छोड़  दिया  !!
जिन्दगी  में होता   है  कुछ  अक्सर  यू  ,
जिन्हें  हम  चाहते  है , वो  हमसे  बिछुड़  जाते  है  !!

नकाब  रहा  तो  हमारी  निगाहे  उठना  सकी ,
नज़र  उठी  तो नजरो  ने साथ  छोड़  दिया  !!

एक चेहरा

                                          एक  चेहरा


एक  चेहरा  मेरे  ख्वाबो में सजा  रहता  है,                                          दिल  के  हर  कोने  में  जिस  तरह  खुदा रहता है ।।
दिल  में  जितने  है  गिले  मिट  जाने  दे ,
 तू  मुझे  प्यार  की   बाहों  में  सिमट  जाने  दे ,

भूल  जा  कोई  गिला  दिल  में  रहता  है ।।

एक  चेहरा  मेरे  ख्वाबो में सजा  रहता  है ,

दिल  के  हर  कोने  में  जिस  तरह  खुदा रहता है ।।

पास  रह कर  बहुत  दूर  रहे  हम  दोनों ,

तन्हाई  में  तडपते  रहे  हम  दोनों ,
रूठो  को  मना  लेते  तो मज़ा  कितना  रहता  है ।।
एक  चेहरा  मेरे  ख्वाबो में सजा  रहता  है ,

दिल  के  हर  कोने  में  जिस  तरह  खुदा रहता है ||
एक  चेहरा  मेरे  ख्वाबो में सजा  रहता  है,





श्री सिद्धि विनायक नामावलि –
 108 Names of Lord Ganesha

1.-ॐ गजाननाय नमः
2.-ॐ गणाध्यक्षाय नमः
3.-ॐ विघ्नाराजाय नमः
4.-ॐ विनायकाय नमः
5.-ॐ द्त्वेमातुराय नमः
6.-ॐ द्विमुखाय नमः
7.-ॐ प्रमुखाय नमः
8.-ॐ सुमुखाय नमः
9.-ॐ कृतिनॆ नमः
10.-ॐ सुप्रदीपाय नमः 
11.-ॐ सुख निधयॆ नमः
12.-ॐ सुराध्यक्षाय नमः
13.-ॐ सुरारिघ्नाय नमः
14.-ॐ महागणपतयॆ नमः
15.-ॐ मान्याय नमः
16.-ॐ महा कालाय नमः
17ॐ महा बलाय नमः
18ॐ हॆरम्बाय नमः
19ॐ लम्ब जठराय नमः
20ॐ ह्रस्व ग्रीवाय नमः 
21ॐ महॊदराय नमः
22ॐ मदॊत्कटाय नमः
23ॐ महावीराय नमः
24ॐ मन्त्रिणॆ नमः
25ॐ मङ्गल स्वराय नमः
26ॐ प्रमधाय नमः
27ॐ प्रथमाय नमः
28ॐ प्राज्ञाय नमः
29ॐ विघ्नकर्त्रॆ नमः
30ॐ विघ्नहन्त्रॆ नमः 
31ॐ विश्व नॆत्रॆ नमः
32ॐ विराट्पतयॆ नमः
33ॐ श्रीपतयॆ नमः
34ॐ वाक्पतयॆ नमः
35ॐ शृङ्गारिणॆ नमः
36ॐ अश्रित वत्सलाय नमः
37ॐ शिवप्रियाय नमः
38ॐ शीघ्रकारिणॆ नमः
39ॐ शाश्वताय नमः
40ॐ बलाय नमः 
41ॐ बलॊत्थिताय नमः
42ॐ भवात्मजाय नमः
43ॐ पुराण पुरुषाय नमः
44ॐ पूष्णॆ नमः
45ॐ पुष्करॊत्षिप्त वारिणॆ नमः
46ॐ अग्रगण्याय नमः
47ॐ अग्रपूज्याय नमः
48ॐ अग्रगामिनॆ नमः
49ॐ मन्त्रकृतॆ नमः
50ॐ चामीकर प्रभाय नमः 
51ॐ सर्वाय नमः
52ॐ सर्वॊपास्याय नमः
53ॐ सर्व कर्त्रॆ नमः
54ॐ सर्वनॆत्रॆ नमः
55ॐ सर्वसिध्धि प्रदाय नमः
56ॐ सर्व सिद्धयॆ नमः
57ॐ पञ्चहस्ताय नमः
58ॐ पार्वतीनन्दनाय नमः
59ॐ प्रभवॆ नमः
60ॐ कुमार गुरवॆ नमः 
61ॐ अक्षॊभ्याय नमः
62ॐ कुञ्जरासुर भञ्जनाय नमः
63ॐ प्रमॊदाय नमः
64ॐ मॊदकप्रियाय नमः
65ॐ कान्तिमतॆ नमः
66ॐ धृतिमतॆ नमः
67ॐ कामिनॆ नमः
68ॐ कपित्थवन प्रियाय नमः
69ॐ ब्रह्मचारिणॆ नमः
70ॐ ब्रह्मरूपिणॆ नमः 
71ॐ ब्रह्मविद्यादि दानभुवॆ नमः
72ॐ जिष्णवॆ नमः
73ॐ विष्णुप्रियाय नमः
74ॐ भक्त जीविताय नमः
75ॐ जित मन्मथाय नमः
76ॐ ऐश्वर्य कारणाय नमः
77ॐ ज्यायसॆ नमः
78ॐ यक्षकिन्नेर सॆविताय नमः
79ॐ गङ्गा सुताय नमः
80ॐ गणाधीशाय नमः 
81ॐ गम्भीर निनदाय नमः
82ॐ वटवॆ नमः
83ॐ अभीष्ट वरदायिनॆ नमः
84ॐ ज्यॊतिषॆ नमः
85ॐ भक्त निथयॆ नमः
86ॐ भाव गम्याय नमः
87ॐ मङ्गल प्रदाय नमः
88ॐ अव्वक्ताय नमः
89ॐ अप्राकृत पराक्रमाय नमः
90ॐ सत्य धर्मिणॆ नमः 
91ॐ सखयॆ नमः
92ॐ सरसाम्बु निथयॆ नमः
93ॐ महॆशाय नमः
94ॐ दिव्याङ्गाय नमः
95ॐ मणिकिङ्किणी मॆखालाय नमः
96ॐ समस्त दॆवता मूर्तयॆ नमः
97ॐ सहिष्णवॆ नमः
98ॐ सततॊत्थिताय नमः
99ॐ विघात कारिणॆ नमः
100ॐ विश्वग्दृशॆ नमः 
101ॐ विश्वरक्षाकृतॆ नमः
102ॐ कल्याण गुरवॆ नमः
103ॐ उन्मत्त वॆषाय नमः
104ॐ अपराजितॆ नमः
105ॐ समस्त जगदाधाराय नमः
106ॐ सर्त्वेश्वर्य प्रदाय नमः
107ॐ आक्रान्त चिद चित्प्रभवॆ नमः
108ॐ श्री विघ्नॆश्वराय नमः 
||इति श्रीसिद्धिविनायकाष्टोत्तरशतनामावलिः

  फिर तेरी  याद 

आँखों  के  पनघट में ,
आंसुओ की प्यास  ऊतर आई ,
 फिर तेरी  याद आई  //
भीगे  से आलम में 
भीगी सी आशा नज़र आई ,
फिर तेरी  याद आई  //
चहक  रहा  परिंदा  वन में ,
चांदनी ओस  से नहाई,
फिर तेरी  याद आई  //

Tuesday, 15 May 2012

बाल विवाह


बाल विवाह
 
भारत देश हमेशा महान था और महान रहेगा ! परन्तु हमारे देश में बहुत सी बुराईया है ! जिनको पानी के बुलबुले की तरह
लिया जाता है ! जैसे  आखातीज पर बाल विवाह होते है ! तो प्रशासन भी सक्रिय हो जाता है, आखातीज जाते ही फिर वही सुस्त
चाल चलता है और सब कुछ सामान्य हो जाता है ! आज कल एक नया ट्रेंड आया है कुछ नया करो कोई कहता है शादी कार्ड पर जन्म तिथि अंकित करो कोई नहीं चाहता समाज को जागरूक करे समय लगता पर हर बुराई का अंत जरुर होता है
जब समाज जागरूक होगा तो हर जगह नई उमीदो का नया समाज  दिखाई देगा गाँधी जी ने अंग्रेजो को देश से निकला था
तो उन्होंने अपना पूरा जीवन इस लड़ाई के लिए समर्पित कर दिया था और आज कल किसी के पास समय नहीं सब चाहते है
की दो मिनिट में सब कुछ बदल जाये एसा नहीं संभव नहीं है 


पर्यावरण





                                                                     पर्यावरण 
 पर्यावरण में बदलाव आ रहा है उसके लिए हम दोषी है क्यों की हमने पर्यावरण रक्षक पेड़ों की निरंतर कटाई तो की परन्तु पेड़ लगाने थे सो लगाये  दस तो उन में भी कुछ में पानी  डाला कुछ में नहीं बड़ी बड़ी बाते कई सेमिनार ,कई आन्दोलन हो जाते है परन्तु इस का परिणाम कुछ नहीं सेमिनारो में नास्ता किया कितना खर्चा किया उतना टाइम में दस पेड़ लगते पानी देते तो एक अछा स्वस्थ पेड़ लगता जितने दिन मिडिया,न्यूज पेपर में खबर आती है उतने दिन तो लोग याद रखते है फिर वही पुरानी बाते हम रोटी खाने के लिए मेहनत करते है उसही तरह समाज को बदलने के लिए रोज मेहनत करनी होगी  तब तो कुछ बदलेगा वर्ना कुछ नहीं बदलेगा गाँधी जी को इशीलिए याद करते है, की उन्होंने बदलाव किया अपने आप को समर्पित कर दिया हम गाँधी जी तो नहीं  बन सकते परन्तु कुछ तो समर्पण देश में फेली बुराईयो के लिए कर ही सकते है 
स्वम बदलो तो  बदलेगा समाज,  " समाज बदलेगा तो देश बदलेगा  बस समर्पण  और  ऊँची सोच की जरुरत है " 

कन्या भूर्ण हत्या



                                                                कन्या भूर्ण हत्या

 
कन्या भूर्ण हत्या पर भी बहुत हो हला हो  रहा है  क्या पहले नहीं होती थी इस की खबर न जाने 

कितने सर्वे हुए होगे हर सरकार को पता होती है किस जगहकमी  है और कोन जिमेदार है और 

कोई कहता है डॉक्टर जिमेदार है कोई कहता माँ बाप जिम्मेदार है कोई कहता है सरकारजिम्मेदार 

है समाज को जागरूक करना है तो कानून बनाने टीवी प्रोग्राम बनाने से काम नहीं चलेगा 

समाज को एक एक विषय पर समझाना होगा कन्या भूर्ण हत्या क्यों हो रही है इसका कारण क्या 

है,समाज के जिम्मेदार लोग खुद सोचे तो पता चलेगा की इस का  नुकसान किस को होगा और 
होरहा है सर्वे बताते है की 1000 पुरुष पर 921 कन्याए है सल्तुलन बिगड़ गया है एसा  इस लिए हो रहा है की समाज में पैसा सब के पास होगया  है सब दिखावा ,दहेज़ की  समाज में आज कल एक परम्परा चल पड़ी है दिखावे बिना कोई पहचान नहीं पेसे के पीछे दुनिया भागती है कन्या होगीतो देना पड़ेगा लड़का होगा तो पैसा आयेगा  अमीर और अमीर और गरीब और गरीब होता जा रहा है ,इतना पैसा किसी योजना में लगाये तो समाज में आज कल  ही नहीं बरसो पुरानी बुराईया को  हम एक मिनिट में हल नहीं कर सकते पर शुरुवात तो कर सकते है  सोचो, समझो और करो  शुरुवात एक आम आदमी से होगी तो  उसका असर ज्यादा होगा और कारगर भी होगी कितनी ही बुराईया है हमारे समाज में  जिनका अंत हम खुद को ही करना है
परन्तु जिस जगह जरुरत है वहा पैसा लगता नहीं सो रुपये की जगह एक रुपया मिल रहा है  खुद समाज सुधारक ही योजनाओ में पैसा बाट लेते है हम किसी एक  श्रेणी या समुदाय की बात नहीं कर रहे  क्यों की बुराई हम सब में है हम किसी एक को दोषी नहीं मान सकते दोषी हम सब है

Saturday, 12 May 2012

भ्रस्टाचार

                                         भ्रस्टाचार



 आज हर आदमी चाहता है देश  भ्रस्टाचार मुक्त हो
सब लोग आन्दोलन की रहा पर चल पड़े कोई नहीं सोचता  भ्रस्टाचार क्यों फैला भ्रस्टाचार फैलाने वाले ही आन्दोलन
 की अगवानी करते नज़र आते है सच झूठ कोई नहीं देख ता वेसे आज कल एक और ट्रेंड और चल पड़ा  सेवानिवत
होने वाला है उसको पकड़ो जिस से उसको सेवानिवत पर मिलने वाला लाभ न देना पड़े कोई  पर उस को कोई

सजा नहीं देता जब वो कोर्ट से अपने आप को निर्दोष साबित कर देता है तो उस व्यक्ति को भी सजा देनी चाहिए

जिसे उस को फसाया सब डरते है हम न फश जाये