Thursday, 17 May 2012

हमदर्द नहीं

             हमदर्द  नहीं
 
राह  तो है  बहुत ,मंजिले  नही ,
किस्ती  मिली  है  पर , साहिल  नहीं !
पराये  है  सभी , कोई  अपना  नहीं ,
दिल  है  बहुत , उनमे  प्यार  नहीं !
आंखे  है  बहुत , पर सपने  नहीं ,
बेदर्द  है  सभी , कोई  हमदर्द  नहीं !

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